खड़गवां जनपद पंचायत स्थित ग्राम पंचायत मंगोरा में ग्राम नेवरी कार्य स्थल का फर्जी सड़क मुर्मीकरण का फोटो दिखाकर लाखों रुपयों का फर्जीवाड़ा हुआ उजागर, ग्रामीणों ने कलेक्टर को जांच कार्यवाही के लिये किया शिकायत। ग्रामीणों ने कार्यवाही न होने पर दिया आंदोलन की चेतावनी।
खड़गवां जनपद पंचायत स्थित ग्राम पंचायत मंगोरा में ग्राम नेवरी कार्य स्थल का फर्जी सड़क मुर्मीकरण का फोटो दिखाकर लाखों रुपयों का फर्जीवाड़ा हुआ उजागर, ग्रामीणों ने कलेक्टर को जांच कार्यवाही के लिये किया शिकायत। ग्रामीणों ने कार्यवाही न होने पर दिया आंदोलन की चेतावनी।
खड़गवां एमसीबी छत्तीसगढ़ 22 दिसंबर 2024, कुछ भी हो पंचायती राज व्यवस्था कुल मिलाकर ग्रामीण जनता की जिंदगी में परिवर्तन लाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है। जो राष्ट्र के लिए सर्वोपरि है,
वैसे भी छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा इलाका जो आदिवासियों का है। हिमायती तौर यहां आजादी के बाद भी आदिवासियों की स्थिति बेहद दयनीय है। जहां आदिवासी विकास अपना विकास कहना शिक्षित हुए बिना संभव नहीं है। बहरहाल गौर करने की बात यह है, कि इन इलाकों में पांचवीं अनुसूची के तहत पंचायती राज व्यवस्था जहां 1996 का पेसा उपबंध अहम मायने रखता है। लेकिन पंचायतों में अनियमितता और गड़बड़ियां का सिलसिला बदस्तूर जारी है। जिससे सवाल उठना लाजिमी है। जानकारी की मानें तो बीते दिनों ग्राम पंचायत मंगोरा के कुछ ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि है, हमारे गांव में वर्ष 2023- 24 में मुर्मीकरण सड़क निर्माण कार्य अनटाईड फंड से 3 लाख रुपये का पंचायत एजेंसी से कराया गया। जिस संबंध में ग्रामीणों का कहना था कि उक्त कार्य को पूरी तरह से लीपापोती फर्जीवाडा कराया गया। उनका यह भी कहना था कि पैसा निकालने के लिए ग्राम पंचायत नेवरी में मुर्मीकरण सड़क निर्माण का फोटो दिखाकर ग्राम पंचायत मंगोरा में हुए सड़क निर्माण कार्य को आन लाइन बताया गया। जो रुपयों का शासकीय राशि का आहरण कर फर्जीवाड़ा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस मामले की जांच कार्यवाही को लेकर ग्राम पंचायत मंगोरा के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर एमसीबी को उनके कार्यालय में जाकर एक पत्र देकर हुई फर्जीवाडा की निष्पक्ष जांच और कार्यवाही कर पुलिस में मामला दर्ज कराने की मांग किया है। जिस संबंध में उनका कहना था कि मामला विकास कार्य का है कार्यवाही न होने पर जन आंदोलन किया जाएगा।