एमसीबी जिला स्थित जनपद पंचायत मुख्यालय खड़गवां में शहीद बीर नारायण सिंह का हजारों की संख्या में मनाया गया शहादत दिवस।

        (कृष्ण कुमार देवांगन संवाददाता)

खड़गवां एमसीबी 11 दिसंबर 2024, जिले के जनपद पंचायत मुख्यालय खड़गवां में सोनाखान रियासत तथा छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद बीर नारायण सिंह का 178 वा बलिदान दिवस समारोह मनाया गया। आयोजित कार्यक्रम गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की ओर से किया गया था। जिस कार्यक्रम में स्थानीय जन समस्याओं का निराकरण की मांग को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रशासन का ध्यान केंद्रित किया गया। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने रैली प्रदर्शन कर स्थानीय कार्यपालिक दंडाधिकारी तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम ने सतारूढ़ भाजपा सरकार के वादा खिलाफी धान खरीदी में प्रति एकड़ 21 क्विंटल न लेकर कम खरीदी पर आपत्ति जताई। वहीं उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा आदिवासियों की भलाई एवं उनके हितों की संरक्षण तथा विकास के लिए आदिवासी उप योजना के तहत जारी किया गया राशि को सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना में बांट कर अपनी पीठ थपथपा रही है। जो गंभीर एवं दुर्भाग्य जनक है इस मुद्दे को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सर्वोच्च न्यायालय की दरवाजा खटखटाएगी।

वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय सिंह ने सर्वप्रथम प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए नमन किया। तथा अपने आसंदी से सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में शहीद बीर नारायण सिंह का नाम को कभी भुलाया नहीं जा सकता। लेकिन दुर्भाग्य है, कि सतारूढ़ सरकार आदिवासी समुदाय के इस महान क्रांतिकारी का नाम को दबाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ा।


उन्होंने कहा कि भारत के गौरव पूर्ण इतिहास में गोंडवाना के 18 सौ वर्षों का फड़फड़ाते पन्नों का उल्लेख करते हुए, गोंडवाना साम्राज्य ध्रुव तारा जैसे अटल है। यदि हम इतिहास की गहराई की ओर जाएं तो भारत को 12 वीं सदी में सोने का चिड़िया कहा जाता था,जिस समय 1226 में सम्राट अशोक चंद्र गुप्त, उसके बाद 1326 में मुगलों द्वारा गोंडवाना पर आक्रमण हुआ। इसी कालखंड में 1400 से 1480 तक राजा संग्राम शाह मराबी गोंड राजवंश का मध्य भारत में राज्य रहा है। जिन्होंने पांच तोले सोने का स्वर्ण मुद्रा चलाया था। डॉ उदय ने कहा इतिहास गवाह है कि आपका अतीत कितना खूब सूरत था जो आपके चेहरे से लगता है कि आपका वर्तमान कैसा है। उन्होंने कहा 78 साल की आजादी एवं स्वशासन के बाद भी देश के लोकतंत्र में आपने अपने आप को एक मुख्यमंत्री के लायक भी नहीं बना सका। पार्टी महामंत्री डॉ उदय ने कहा जिन प्रदेशों में हीरा, सोना चांदी, खनिज आदिवासियों के पांव के नीचे हों और उस प्रदेश के आदिवासी अत्यंत कमजोर हों, वहीं सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि सरकार विकास की आंकड़े दिखाती है। उन्होंने कहा आज आदिवासियों को उनके जल जंगल और जमीन से बेदखल कर समाज को देश में दोयाम दर्जे का नागरिक बना क्या यही सच्ची आजादी का मतलब है। उन्होंने पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र की अनुच्छेद 244 (1) जहां आदिवासियों के प्रशासन और नियंत्रण होनी चाहिए था, आजादी 76 वर्षों के बाद भी राज्यपाल को इन इलाकों में उनका कार्यपालिक शक्ति का विस्तारीकरण नहीं किया गया लिहाजा आज संविधान की अनुच्छेद 13(3) क पुरखों का रूढ़ि व्यवस्था को रौंद दिया गया है। आज इन इलाकों में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक आदिवासियों की भूमि गैर वर्गों को क्रय विक्रय शून्य है। लेकिन पहाड़ जैसे मकान किनके जमीन में बन रही क्या सरकार को पता नहीं है। उन्होंने कहा सरकार आदिवासियों के लिए बनी कानून कायदे को दबा रही है। जिससे आज भोले भाले आदिवासी जनता अपनी अज्ञानता के कारण नहीं समझ पा रहे हैं। इसलिए आज एक जुट होकर गोंडवाना को सता में लाना होगा।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पार्टी जिलाध्यक्ष केवल सिंह मरकाम, दीपक सिंह मरावी प्रदेश उपाध्यक्ष (युवा मोर्चा) गुरुजलाल नेटी संभागीय प्रवक्ता, इस्माइल खान जिला महासचिव, दिगंबर सिंह मरकाम, गजूसिंह नेटी, बबलू सिंह पोया, शशि राजपूत, तपेश्वर मराबी सहित हजारों की संख्या में लोगों ने कार्यक्रम में शामिल हुआ।

11:03