जानकारी की मानें तो, लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता जो बेहद उत्तरदायित्व पूर्ण कार्य है। अमूमन पत्रकारिता का दायित्व जो मानवता और समाज के प्रति होता है। जिसका प्राथमिक उद्देश्य जनता और समाज को झूठे लोगों के चंगुल से बचा कर उन्हें न्याय दिलाना होता है। उक्त बातें, गोंडवाना उदय न्यूज के चीफ एडिटर डॉ एल एस उदय ने कहा। उन्होंने कहा वर्तमान में खोजी पत्रकारिता का दौर है, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया ने अपनी खोजी पत्रकारिता के दम पर सरकार को हिलाकर रख दिया है। बोफोर्स घोटाले, तहलका डॉट कॉम, रक्षा सौदा में रिश्वत घोटाले का श्रेय खोजी पत्रकारिता को जाता है। सरकारी घपले और अनसुलझे रहस्यों का पर्दाफाश सहित सरकारी तंत्र के खिलाफ कई खोजी पत्रकारों ने अपने लेखनी के जरिए लड़ा। जो दमन और अत्याचार को अपना अस्त्र बनाया। 1960 नानावती केस में ब्लिट्ज ने पर्दा उठा कर सनसनी पैदा कर दिया था। आज मूल निवासी आदिवासी समुदाय में दरअसल हमारे युवाओं को पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ाना हमारा एक उद्देश्य है। अंतिम पायदान में फंसे लोगों के साथ कई संवेदन शील घटनाएं होती है। जो घटनाएं पर्दा के भीतर रह जाती है। अनुसूचित जनजाति इलाकों में इन वर्गों की हितों की संरक्षण के लिए बनी संवैधानिक कानून भी जस का तस है न्याय नहीं मिल पा रहा है। आखिर कौन उठाएगा? इसलिए पत्रकारिता के माध्यम से इन वर्गों के पढ़ें लिखे युवाओं आवाज बनना चाहिए। ऐसी लक्ष्य और उद्देश्य को लेकर आए प्रेस का कॉन्फ्रेंस और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करते रहते हैं जिस कड़ी में समाज में पत्रकारिता का महत्व विषय पर कोरिया जिला मुख्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिस कार्यक्रम में हमारे प्रेस प्रतिनिधियों को पत्रकारिता के क्षेत्र में नई ऊर्जा आएगी।