छत्तीसगढ़ राज्य के पांचवी अनुसूचित क्षेत्र ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत की घोषणा से अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन हुआ जारी आदिवासियों की जिंदगी दांव पर सरकार द्वारा उनके अधिकारों को दफन करने की बेताबी,

  • (विशेष प्रतिनिधि गोंडवाना उदय न्यूज ग्रुप)

कोरिया छत्तीसगढ़ गोंडवाना उदय न्यूज ग्रुप 25 जुलाई 2024,

पटना ग्राम पंचायत के ग्राम वासियों ने कोरिया कलेक्टर के माध्यम से माननीय राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर बताया कि पांचवीं अनुसूचित जिला कोरिया के ग्राम पंचायत को नगर पंचायत की घोषणा न्याय के सिद्धांत के विपरीत है, छ.ग.नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय,महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर की अधिसूचना एफ 1-26/2023/18 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 11 जुलाई 2024 के द्वारा ग्राम-पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाये जाने हेतु अधिसूचना जारी की गई है,जो कि संवैधानिक प्रावधानों के विरूद्ध है। जिसका हम निम्न वैधानिक कारणों से विरोध करते हैं। संविधान के भाग 10, अनुच्छेद-244 अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन पांचवी अनुसूची के उपबंध (असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम) से भिन्न किसी राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन एवं नियंत्रण के लिये लागू होगें। 2 छठीं अनुसूची के उपबंध असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के लिए लागू होंगे, तथा संविधान के भाग-9 (क).अनुच्छेद-243 य ग (zc) – इस भाग का कतिपय क्षेत्रों पर लागू न होना (1) इस भाग की कोई भी बात अनुच्छेद-244 के खण्ड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों और इसके खण्ड-2 में निर्दिष्ट जनजातीय क्षेत्रों को लागू नहीं होगा। 3 इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी,संसद,विधि द्वारा इस भाग के उपबंधों का विस्तार खंड (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों पर ऐसे अपवादों और उपांतरणों के अधीन रहते हुए कर सकेगी,जो ऐसी विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएं और ऐसी किसी विधि को अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिये इस संविधान का संशोधन नहीं समझा जाएगा। जाहिर तौर पर अनुच्छेद 243 य ग (3) के अनुसार आज दिनांक भारत के संविधान के भाग-9 क के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रो तक विस्तारित करने के लिए संसद द्वारा कोई विधेयक पारित। नहीं किया गया है। अर्थात म्युन्सिपल का विस्तार अनुसूचित क्षेत्रो हेतु (मेसा कानून) विधेयक बनाकर प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है, इसलिये छत्तीसगढ़ के पांचवी अनुसूची क्षेत्रान्तर्गत छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 लागू नही होता है। अतः नगर पंचायत पटना को नगरीय निकाय के रूप में गठन किया जाना असंवैधानिक है। छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं न्यायाधीश एवं रविन्द्र कुमार अग्रवाल के अधिसूचना एफ1-26/2023/10 नवा रायपुर अटल नगर 20 सितंबर 2023 के द्वारा ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाए जाने के हेतु जारी अधिसूचना के विरुद्ध 5 अक्टूबर 2023 को कलेक्टर कोरिया के माध्यम से भेजे गए दावा आपत्तियों का निराकरण आठ सप्ताह के अंदर निराकरण किये बगैर नगर पंचायत पटना का गठन कर न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गयी है, जो कि अनुसूचित जनजातियों के निम्नलिखित हक और अधिकार को प्रभावित करता है। सबसे महत्वपूर्ण पेशा अधिनियम 1996 वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत ग्राम सभा को मिलने वाले अधिकार जैसे कि सामुदायिक संसाधनो तथा विवादों का निराकरण, रूढिगत ढंग को सुरक्षित तथा संरक्षण करने इत्यादि समस्त अधिकार समाप्त हो जा रहे है। वहीं अनुसूचित क्षेत्रो में नगर पंचायत बनने से जनजातियों का प्रतिनिधित्व कम हो जायेगा। तथा छ.ग. पंचायती राज अधिनियम 1993 धारा 129 (ड.) के तहत् ग्राम पंचायत चेयर पर्सन ग्रामसभा अध्यक्ष, सरपंच एवं 50 प्रतिशत पंच अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित रहता है। वह पद समाप्त हो जा रहे हैं। कुल मिलाकर ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीणों को मिलने वाले रोजगार गांरटी योजना ( मनरेगा का लाभ समाप्त हो रहा है। वहीं ग्रामीणों के उपर म्युनिसिपल में लगने वाले टैक्स का बोझ बढ़ जायेगा।भवन निर्माण के अनुमति हेतु नगर निवेश कार्यालय टाउन प्लानिंग का अतिरिक्त बोझ बढ़ जायेगा। जहां समय-समय पर ग्रामीणों के विकास हेतु शासन से मिलने वाले योजनाओं के लाभ से ग्रामीण वंचित हो जायेगें, उक्त गठन प्रक्रिया हेतु किसी भी प्रकार की जन सुनवाई करते हुए ग्राम सभा से प्रस्ताव पास नहीं कराया गया।जो कि ग्रामवासियों के अधिकारों का हनन है। लिहाजा अनुसूचित जनजातीय समुदाय दशकों से अपने संवैधानिक हक और अधिकार के लिये संघर्ष करता आ रहा है, किन्तु उन्हें आज तक अपेक्षित रूप से न्याय नहीं।

मिला है। लिहाजा कोई सुनवाई न होने पर अब स्थानीय एवं प्रदेश भर के समाजसेवी एवं जानकर लोग ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाए जाने पर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन जारी हो गया है। जिनके द्वारा मांग किया जा रहा है कि भारतीय संविधान का पालन करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाये जाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाये। जिससे कि संविधान की भावना के अनुरूप उक्त क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों का अपेक्षित हक और अधिकार प्रभावित ना हो सके। इस मुद्दे को लेकर समस्त ग्राम वासियो ने संविधान अधिकार बचाओ का नारा लगाते हुए, अब अनिश्वित धरना प्रदर्शन जारी है, इस कार्यक्रम को मुख्य रूप से नागरिक संघर्ष समिति पटना द्वारा किया जा रहा है, जिस कार्यक्रम में विजय सिंह ठाकुर,महंत मरकाम,शिव मंगल सिंह,राजा राम जाता,धर्मराज सिंह,सुरेश पुषाम,आदिवासी नीरा सिंह कुसरो,अमला सुचिता मुख्य रूप से शामिल थे। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों का भागीदारी देखा गया।