कोरिया जिले के ग्राम बैमा में पांच माह पूर्व घटित एक 19 वर्षीय गरीब आदिवासी युवती के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद तेजाब डालकर जलाने की घटना में समाज हुआ लामबंद, समाज के लोगों द्वारा पाई पाई जोड़कर तथा लोन लेकर ईलाज में किया करीब 12 लाख रूपये खर्च, प्रशासन ने खींचा हाथ, समाज में बढ़ी आक्रोश, मुख्यमंत्री कार्यालय घेराव की चेतावनी।

अजय सिंह पोर्ते ब्यूरो चीफ/संतलाल उर्रे सिटी रिपोर्टर द्वारा 

सूरजपुर छत्तीसगढ़, गोंडवाना उदय/GCG न्यूज ग्रुप, 7 मार्च 2024, आज सूरजपुर जिला मुख्यालय में आदिवासी समाज प्रमुखो द्वारा पूर्व निर्धारित समय में नामंदगिरी गोंडवाना भवन के पास बैठक आयोजित किया गया। जिस बैठक में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय सिंह अतिथि के रूप में शामिल हुये।

अलबता इस घटना को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय सिंह ने अपने आसंदी से कहा कि आदिवासी समुदाय कोई दोयाम दर्जे का नागरिक नहीं, यहां के मूल निवासी हैं, उनको पता नहीं की इंडिया नान जुडिशियल देश है। जहां आदिवासियों पर आईपीसी की सेक्शन लागू नहीं होता। जहां सामान्य कानून थोपा जा रहा है। उसी प्रकार इन वर्गो के मौलिक अधिकार के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने बेहद अफसोस जताया कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में कोरिया जिला में जो एक गोंड आदिवासी युवती के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद एसिड अटैक किया गया। देश व समाज के लिए बेहद शर्मिंदगी है। इस घटना की विवेचना राज पत्रित पुलिस अधिकारियों द्वारा होना था नीचे ओहदे के विवेचको ने जिन्होंने जांच रिपोर्ट जिन पर भेदभाव पूर्ण करने का आरोप है। वहीं 23 अक्टूबर को एएसआई ने थाना प्रभारी चौकी प्रभारी की हैसियत काम किया, तथा संबंधित पटवारी भी अंधी पीड़िता की मां को घटना स्थल नजरी नक्शा में चश्मदीद गवाह बनाया है। पार्टी राष्ट्रीय महामंत्री डॉ उदय ने इस मामले की न्यायिक जांच जांच की मांग करते हुए सभी दोषियों पर कार्यवाही की मांग किया है।

कार्यक्रम में पहुंचें गोंड आदिवासी समुदाय प्रदेश संरक्षक तथा भाजपा का प्रमुख नेता सरगुजा मोहन सिंह टेकाम ने इस घटना पर दुःख जताया और कहा कि हम सभी आदिवासी समुदाय को एक जुट होकर इस घटना में पीड़ित बेटी को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होकर चलने की जरूरत है। अतिशीघ्र इस गंभीर मामले को लेकर मैं मुख्य मंत्री से बात करता हूं नहीं सुनेंगे तो उनका दफ्तर घेरेंगे इस घटना में कोई समझौता नहीं होगी। कार्यक्रम में संभाग के बाहुल्य गोंड, कंवर, चेरवा, बैगा जन जाति के प्रदेश स्तर तक के प्रमुख पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिस कार्यक्रम में अहम और गंभीर मुद्दा कोरिया जिले के ग्राम बैमा में 19 वर्षीय आदिवासी युवती के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म कर तेजाब डालने की घटना में पुलिस चौकी प्रभारी द्वारा अपराधियों को बचाने हेतु की गई फर्जी हस्ताक्षर जैसे दस्तावेजो में छेड़छाड़ कर चालान कोर्ट में पेश करने की शिकायत पर हड़कंप मच गया है। वहीं समाज प्रमुखों द्वारा न्यायालय को पेश की गई चालान सीट को देखने के बाद काफी आक्रोश देखा गया। तथा पुलिस सहायक उप निरीक्षक ओम प्रकाश जायसवाल के द्वारा ली गई एफआईआर के मुताबिक घटना 20 अक्टूबर 2023 के दरमियानी रात 8 से 2 बजे का बताया गया है। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक भर्ती दिनांक 19 अक्टूबर 2023 को समय सुबह 9 बजकर 9 मिनट जिसका आई पी डी नंबर 132767 समय 11बजकर 30 मिनट उल्लेख है। पुलिस के एफआईआर के मुताबिक घटना दूसरे दिन 20 अक्टूबर रात 8 से 2 बजे की है। लिहाजा बैकुंठपुर स्थित चिकित्सालय में ईलाज एक दिन पूर्व 19 अक्टूबर को कैसे हुई अब जांच का विषय बनते जा रहा है। आखिरकार एडमिट इन बर्न वार्ड जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में क्यों भर्ती किया गया था। जिसे बताने में चिकित्सा प्रबंधन आखिर मौन क्यों? और उसी मामले में पुन: 21 अक्टूबर को पुन: एमएलसी होना तथा जिसे न्यायालय को चालान में पेश किया गया है। तकलीफ देह सवाल यह है कि इस घटना की पैरवी में आरोपी नि:संदेह निर्दोष बच सकते हैं। इस मुद्दे को लेकर समाज प्रमुखों ने कोई कार्यवाही न होने पर आदिवासी मुख्यमंत्री कार्यालय रायपुर का घेराव करने का निर्णय लिया गया है। वहीं छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली घटना लगता है जो गोंड आदिवासी समुदाय बाहुल्य के बीच ऐसी घटना घटी है। दुर्भाग्य है कि समाज के बीच दहाड़ने वाले देखो देखो कौन आया। शेर आया कहने वालों की नारा कभी शहरों में गूंजता था। इस घटना को देख सुन कर भी सहम उठे, अमूमन शेर आया कहने वाले शेरो की दहाड़ भी लुप्त हो गया। वहीं इस घटना में युवती को न्याय दिलाने के लिए गोंड समुदाय से सबसे अधिक कंवर, चेरवा आदिवासी समुदाय की भूमिका सर्वोच्च है। इस घटना को लेकर समाज के बड़े छोटे संगठन के मंत्री, विधायक जैसे नेताओं के आंखों में जिनका आंसू सूखने जैसा है। जिन्होंने इस घटना का सुध लेना तो दूर, कोई संज्ञान तक उचित नहीं समझा। तथा जिनके अंदर इस घटना में पीड़ित युवती का कोई दुःख व पीड़ा नहीं झलक सका। जिस पर उपस्थित समुदाय प्रमुखों ने चिंता जताई है। इस मामले में सर्व आदिवासी समाज सूरजपुर के अध्यक्ष मोतीलाल पैकरा ने कहा हमारे आदिवासी गोंड समाज के बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार कर तेजाब डालने जैसे गंभीर मामले में पीड़ित हादसे के शिकार युवती को न्याय दिलाने के लिए हम हर चुनौतियों के साथ लड़ाई लड़ेंगे। ये हमारा कर्तव्य है, कहा नहीं झुकेंगे नही। और आगे बताना भी लाजमी होगा ऐसे घटनाओं सरकार का नैतिक जिम्मेदारी होता है नि:शुल्क ईलाज करवाना लेकिन इस मामले में अभी तक ईलाज में 11 लाख रूपये खर्च हो चुका है। सरकार द्वारा कोई मदद नही करने की बात सामने आई है। आदिवासी समाज की ओर से चंदा करके रायपुर कालडा हॉस्पिटल में आगे पीछे ईलाज खर्च जमा करने की जानकारी है। 2 मार्च को उप मुख्यमंत्री को आवेदन के साथ निवेदन भी किया गया इसके बाद भी कोई संवेदना नहीं दिखा। साथ में स्वास्थ्य मंत्री सहित अन्य समाज के मंत्री विधायक द्वारा मुंह ऐंठ लेने के साथ ही साथ शासन की ओर से आदिवासी पीड़ित युवती का कोई ईलाज न कराने पर अतिशीघ्र आदिवासी मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव करने का निर्णय आदिवासी समुदाय प्रमुखों द्वारा भी लिया गया। जिस कार्यक्रम में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय सिंह सहित भाजपा के वरिष्ट, गोंड आदिवासी समाज के छत्तीसगढ़ प्रदेश संरक्षक मोहन सिंह टेकाम, चैरवा समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष, विजय सिंह मरपची, गोंडवाना उदय न्यूज के संभाग ब्यूरो चीफ अधिवक्ता छतरपाल सिंह मरावी, संतलाल उर्रे, भुनेश्वर सिंह कुछ चिकित्सक गण उपस्थित थे। जिस कार्यक्रम में केवल सामाजिक तौर पर घटित घटना के बारे चर्चा हुई।

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