
(विसेल नाग ब्यूरो चीफ)
नारायणपुर छत्तीसगढ़/GCG NEWS/ 10 नवंबर 2021, जानकारी की मानें तो प्रदेश के पांचवी अनुसूचित क्षेत्र जहां 244(1) के तहत संवैधानिक कानून बना है। जहां पर अनुसूचित जनजाति वर्गों की संरक्षण सर्वोच्च है। दुर्भाग्य है कि इन इलाकों में ग्राम पंचायत के प्रमुख प्रतिनिधि को इलाके का एक थानेदार फिरौती जैसे पैसे की मांग करता है। और प्रताड़ित कर जान लेने को मजबूर कर देता है।इन अनूसूचित क्षेत्रों में घटित इस प्रकार की यह घटना वेहद अमानवीय व शर्मनाक है, जिसका जितना कड़ी निंदा की जाये, कम है। इस बात को लेकर प्रदेश के सर्व आदिवासी समाज प्रतिनिधि बस्तर एवं प्रदेश सरपंच संघ के अध्यक्ष एवं अन्य जन प्रतिनिधियों ने कहा है कि मृतक सरपंच राकेश कोराम के दोषी प्रताड़ना के शिकार थानेदार पर शीघ्र कार्यवाही नहीं होगा। तब तक आदिवासी समाज एवं जन प्रतिनिधि चुप नहीं बैठगे। जिसे लेकर 9 नवम्बर 2021 दिन मंगलवार को राकेश कोर्राम सरपंच रायनार जिला नारायणपुर के आत्म हत्या के संम्बध मे हम ज्ञापन सौंप कर प्रशासन चेतावनी दे रहे हैं। ज्ञापन की मानें तो धनोरा थाना प्रभारी गणेश यादव के द्वारा आये दिन सरपंच राकेश कोर्राम को बार बार पुलिस थाना मे बुलाकर पांच लाख पैसो की मांग करना यदि नही देने पर नक्सली प्रकरण में फसाने का धमकी देना और हर दो तीन दिन मे थाना बुलाकर मां बहन का गाली णलौच करना राकेश कोर्राम को टी आई द्वारा मानसिक रुप से परेशान कर दिया जिसके वजह से 16 अक्टूबर 2021 को आत्म हत्या करने को मजबूर हो गया ! आज हम लोग सरपंच सचिव संघ, और आदिवासी समाज द्वारा अल्टीमेटम के साथ ज्ञापन दिया है। कि इस घटना को निष्पक्ष और न्यायिक जांच किया जाय नही करने या मामले को दबाने का प्रयास किया गया तो उग्र आंदोलन की चेतवनी दिया गया है,जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी!राकेश कोर्राम के आत्म की शांति के लिये उनको न्याय दिलाना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी ! अब प्रदेश सरपंच संघ और बस्तर संभाग सरपंच संघ को अपील करता है कि हमारे परिवार का सदस्य और उनके परिवार को न्याय दिलाना ही हमारी कर्तव्य है। हम सब सरपंच संघ के द्वारा पूरे प्रदेश में हर ब्लाक हर जिला मे विरोध प्रदर्शन कर अपने अधिकार को लेकर सरकार को अतिसंवेदनशील क्षेत्र बस्तर व अन्य प्रभावित क्षेत्र के सरपंच व सचिव अपनी कर्तव्य का पालन करते हुए शासन का महती योजनाओं लागू करने अपने जीवन को न्यौछावर करते हुए ,जान को जोखिम मे डालकर शिक्षा ,पानी प्रकाश व अन्य गांव की मूलभूत समास्याओं समाधान करने का भरपूर प्रयास करते है लेकिन शासन हो या प्रशासन हमको कोई तज्जबो नही देता है। आज बस्तर के सातो जिला व छत्तीसगढ़ प्रदेश के अन्य संवेदनशील क्षेत्र के जो नक्सली क्षेत्र से प्रभावित है सभी सरपंच लोग मानसिक रुप से परेशान रहते है चाहे पुलिस प्रशासन से हो चाहे नक्सल मामले को लेकर! लेकिन आम जनता का कार्य को पूरा करने भरपुर प्रयास करते हैं।आज प्रदेश सरपंच संघ एंव बस्तर संभाग सरपंच संघ इस घटना का घोर निंदा करते न्याय दिलाने के लिये भरपूर एकजुटता के साथ लड़ाई लड़ेंगे।आज यदि अपने हक और अधिकार के लिये नहीं लड़ेंगे तो जीवन मे आने वाली पीड़ी हमे कभी माफ नही करेगा।