छत्रपाल सिंह मरावी ब्यूरो चीफ संभाग सरगुजा
सरगुजा छत्तीसगढ़, गोंडवाना उदय न्यूज ग्रुप,19 जून 2024 आज जिले के घाटबर्रा गांव में परसा ईस्ट केते बासेन कोल माइंस परियोजना से प्रभावित लोगों के पुनर्वास व व्यवस्थापन को लेकर घाटबर्रा पंचायत में ग्राम सभा का आयोजन किया गया।
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जिसमें अधिकतर लोगों ने पुनर्वास नीति का विरोध किया, वहीं कई अन्य लोगों ने समर्थन किया। ग्राम सभा के दौरान गांव वालों ने अपने-अपने विचार रखें और अधिकतर लोगों का यही कहना था, कि गांव में कोल माइंस नहीं खोलना चाहिए, गांव वालों ने आरोप लगाया कि ग्राम सभा में गलत तरीके से कोल माइंस परियोजना के पक्ष में प्रस्ताव पास कर दिया गया है।
जबकि उन्होंने 2022 में कोल माइंस का विरोध किया था, बता दें, कि आमतौर पर ग्राम सभा के आयोजनों में पॉइंट सरपंच सचिव और गांव के लोग मौजूद होते हैं। लेकिन इस ग्राम सभा में जिला प्रशासन के अधिकारी अपर कलेक्टर, एसडीएम, एडिशनल एसपी सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे। वहीं सैकड़ो ग्रामीणों ने कोल माइंस का विरोध करते हुए एसडीएम का घेराव किया। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद पीसीबी कोल माइंस के लिए प्रस्ताव पास हुआ। हसदेव इलाके में कोल माइंस का लंबे समय से विरोध चल रहा है। इस बीच घाटबर्रा गांव में परसा ईस्ट केते बासेन कोल माइंस के फेस टू के विस्तार के लिए ग्राम सभा का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीणों को कोल माइंस खुलने पर विस्थापन की जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई जिसका मौजूद ग्रामीणों ने विरोध किया तो कई ग्रामीणों के द्वारा माइंस का समर्थन भी किया गया। समर्थन करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि कोल माइंस खोलने से उनके गांव का विकास होगा तो बच्चों को बेहतर शिक्षा और बुनियादी सुविधाएं मिल पाएंगे वहीं विरोध करने वाले युवाओं का कहना है कि कोल माइंस खुलने से उनका गांव उजड़ जाएगा और इसके बाद उन्हें जल संकट सहित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। विरोध करने वाले ग्रामीणों ने ग्राम सभा संपन्न होते ही मौके पर मौजूद एसडीम को घेर लिया और इसके बाद नारेबाजी की गई।
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इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा। साथ ही सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए थे, हालांकि इस गांव में जैसा माहौल है उसे देखकर लग रहा है कि आने वाले दिनों में कोल माइंस को लेकर विरोध के स्वर तेज हो सकते हैं, तो कोल माइंस शुरू करने में फिर से प्रशासन को पुलिस का सहारा लेना पड़ सकता है।राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित है परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना हसदेव क्षेत्र में खदान खोलने का सिलसिला साल 2010 में शुरू हुआ था, बहरहाल कई वर्षो से ग्रामीण कोल माइंस का विरोध कर रहे है। कोल माइंस खुलने से घाटबर्रा के 500 परिवार विस्थापित होंगे।अब तक घाटबर्रा गांव के 32 लोगों को ही मुआवजा दिया गया है।
अदानी के पीसीबी कोल प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के लिए ग्रामीणों ने कलेक्टर और एसडीएम को पत्र भेज ग्राम सभा को स्थगित करने की मांग की गई थी। जिला प्रशासन की निगरानी में ग्राम घाट बरना में ग्राम सभा का आयोजन किया गया ग्रामीणों के विरोध के बाद भी पीकेबि कोल माइंस का ग्रामसभा में प्रस्ताव पास किया गया।बहरहाल अब देखना होगा कि कोल माइंस परियोजना के पक्ष में ग्राम सभा में अफसरों नें मौजूद रहकर प्रस्ताव पास करा दिया है। और दूसरी तरफ विरोध जारी है तो आने वाले दिनों में आंदोलनकारी कौन सा कदम उठाते हैं।
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