खड़गवां/ मनेंद्रगढ़, गोंडवाना उदय GCG न्यूज़ ग्रुप,12 दिसंबर 2023, कुछ भी कहें, आज सबसे ज्यादा चोंट कमजोर तबकों को पहुंचता है। सरकार की कल्याणकारी योजनाएं सही मायने में इन वर्गो को नहीं मिल पाता। ऐसे ही इलाका कोरबा जिले के ग्राम पंचायत पाली जो उतरी सरहदी क्षेत्र हसदेव के तराई में बसे आदिवासी इलाका का है।
दरअसल कोरबा जिला के पोड़ी उपरोड़ा जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पाली स्थित दर्रीपारा में बसे आदिवासी हल्को में विकास हाथी के दांतो जैसा है। इन इलाकों में कानून और नीतियां तो बनी है, पर यहां संकट बरकरार है। जिससे इन क्षेत्रों में विकास रूपी पहिया अधर में लटक गया।
आज कवरेज पर निकली गोंडवाना छत्तीसगढ न्यूज खड़गवां के प्रशिक्षु संवाददाता कु सुशीला मरकाम जिनके आंखों के सामने तैरती हुई दृश्य, दरअसल सड़क में बैठी गरीब बैगा आदिवासी महिला जो अपने झोपड़ पट्टी के सामने बांस को चीर फाड़ कर टोकरी बनाने की जुगत में थी। जिनके उजड़े हुए जीवन तथा बच्चों की हालात देख कर न्यूज के संवाददाता सुशीला मरकाम ने रुक गई और अंधेले में जीवन गुजार रहे इन बैगा आदिवासी परिवार जिनके झोपड़ी में शौर्य प्लेट लगा जरूर था, लेकिन बिना बैट्री था, जिससे इन लोग रात को घुप अंधेले में जीवन गुजारने में मजबूर हैं। जिनके सामने विकास की बुनियाद लिहाजा धुंध से कम नहीं है।
वहीं इन इलाकों में हाथियों की कहर से जरूरत से ज्यादा प्रभावित होते हैं। यहां के पढ़ने वाले बैगा आदिवासी बच्चे बच्चियां अपने शिक्षकों का नाम तक पता नहीं जानते है। शासन को चाहिए कि ऐसे इलाकों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था कायम कर इन वर्गो की जीवन को संवारने में योगदान हो।