कोरिया छत्तीसगढ (GCG NEWS) 6 जनवरी 2020 सच माने तो कोरिया जिला संविधान की पाँचवी अनुसूचित 244 (1) अनुसार देश के छत्तीसगढ़ राज्य के भीतर आदिवासियो की भूमि को बिना कलेक्टर या राज्यपाल की अनुमति के बिना कोई भी गैर अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति अपने खाते में प्रविष्ट नहीं कर सकता। सबसे गंभीर और अहम सवाल यह है कि शहरीकरण के बाद गैर वर्गों द्वारा छल कपट कर आदिवासियों की कीमती भूमि को बैनामा तरीके से हड़प लेना एक नियति बन गया है। अब जिसका खैर नहीं। आज का ये ताजा उदाहरण है कि पुलिस सूत्रों के मुताबिक दर्ज अपराध क्रमांक 32/2020 के बहुचर्चित भूमि घोटाला जिसमें कोरिया के एक नामी विल्डर जो पहले से जेल में हैं। जिसके साथी फरारी पर चल रहे, कोरिया जिले के पूर्व अपर कलेक्टर एडमन लकड़ा धोखाधडी के आरोप में आज गिरफ्तार हो गए। जिन्होनें अपने कार्य काल में बैकुन्ठपुर शहर से जुड़े रामपुर निवासी शान्तिबाई गोंड की कीमती भूमि को बैनामा तरीके से आरोपी विल्डर को लाभ पहुंचाया था। उक्त अपर कलेक्टर ने अपने पदीय अधिकार का दूरपयोग किया था। जानकारी की मानें तो उक्त बिल्डर ने अपने खास एक आदिवासी सदस्य संतकुमार गोंड के नाम पर भूमि क्रय कर लिया था।और नाजायज फायदा उठाने के लिए संत कुमार चेरवा से जगह जगह हस्ताक्षर करवाता था।जिससे संतकुमार चेरवा को संदेह होने लगा।और (आ जा क)विशेष प्रकोष्ठ थाना बैकुन्ठपुर में जाकर विल्डर संजय अग्रवाल एवं अपर कलेक्टर एडमन लकड़ा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 506, 420,467,468,471,374 के तहत अपराध दर्ज करवा दिया था। साथ ही साथ अब दोनो हाई प्रोफाइल जेल पहुंच गए। कुछ भी हो आज जिनके जेल जाने से क्षेत्र में आदिवासियो की भूमि के खरीदने में कई बार सोचना होगा। जानकारी की मानें, तो आदिवासी युवक संत कुमार चेरवा के नाम पर जालसाजी कर शान्ति बाई गोंड की भूमि को छल कपट पूर्वक अंतरण किया गया था।