कोरिया जिले के खड़गवां स्थित कदरेवा निवासी कमल पंडो को मिले प्रधानमंत्री आवास की राशि बंदरवाट हो जाने पर आवास घर के भीतर कुटिया बना कर रहने को है मजबूर।

(महिपाल सिंह कुशरो संवाददाता द्वारा)कोरिया छत्तीसगढ़ (GCG NEWS) देश मे बढ़ते भ्र्ष्टाचार आज एक ऐसा नासूर बन गया है।जो देश की जड़ें को हिला रहा है। जाहिर तौर पर अच्छे दिन का वादा जो आज केवल हाथ मलने जैसे हो गया है। सबसे बड़ी विडंबना आज दो वक्त की रोटी की तलाश में जुटे सबसे गरीब लोगों मे बैगा, पंडों, धनुहार, विरहोर जो कोरिया जिले के बहड़ों आज भी बसे हैं। ऐसे ही पंडो समुदाय जो चिरमिरी कोयला प्रक्षेत्र से सटे ग्राम पंचायत कदरेवा एक पहाड़ी की तराई में बसा हैं।यहां के पंडों जनजाति जिनके रहन सहन आज भी जस के तस है। गोंड़वाना छत्तीसगढ़ न्यूज की टीम जब इस गांव में जाकर इन वर्गों की हालात की जायजा लिया तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आया। कई इन जन जाति वर्गो के बुजुर्ग महिला एवं पुरूष जिन्हें 60-70 साल गुजर जाने के बाद भी पेंशन नहीं मिलने की जानकारी मिला है। इस संबंध में एक वृद्ध महिला सोनकुवर पति अहिबरन पंडों 65 वर्षीया जिन्होंने बताया कि मैं कई बार पंचायत में आवेदन दिया। लेकिन आज तक एक पाई नहीं मिला। इस संबंध में न्यूज टीम जब स्थानीय सचिव उमाशंकर पांडेय से जानकारी चाहा तो उन्होंने कहा कि सभी लोगों को पेंसन मिलता है। पर धरातल की कुछ और कहानी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में उन्होंने कहा कि सबका आवास घर बन चुका है।कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है। जबकि प्रत्यक्ष रूप से सुमेरसाय पंडो, छोड़बियानी छाताडाँड़ का पंडों का आवास का राशि निकल गया है लेकिन आज पर्यन्त अधूरा है। कुल मिलाकर 5साल से उपर यह आवास योजना का मकान आज भी खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। वहीं हितग्राहियों का कहना था कि स्थानीय तत्कालीन सरपंच सुमित्रा बाई, सचिव उमाशंकर पांडेय, आवास मित्र शिवकुमार हम लोगों का आवास घर का पैसा को बंदरबाट करने मे महत्वपूर्ण भूमिका रहा है।जो आज यहां झांकने तक नहीं आते। यहां के पंडों जनजाति के लोगों भ्रष्टाचारी सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कड़ी सजा दिलवाने की मांग तक की है। देखना है कि इस केन्द्र सरकार की योजना में बहरहाल क्या कार्यवाही होता है। फिलहाल शंसय के परिधि में है।

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