कोरिया के जिला जेल में निरुद्ध विल्डर संजय अग्रवाल के पांच सहयोगी द्वारा एक गोंड आदिवासी की भूमि को धोखाधडी कर जबरन बुलडोजर से उसके मकान ढहा देने तथा फर्जी भूमि नामान्तरण करवाने पर आजाक थाना में रिपोर्ट दर्ज- 5 लोग गिरफ्तार ।

कोरिया (GCG NEWS) 8 जनवरी 2020 जिले के बहुचर्चित आदिवासियो की जमीन घोटाले के मामले में इन दिनों राजस्व विभाग को मानों लकवा मार गया है।  आजादी के पूर्व और बाद से निहित उपबंधों में  (आदिवासी) अनूसूचित जनजातियों की भूमि को गैर वर्ग के लोगों को भूमि क्रय करने की कानूनी प्रक्रिया नहीं है। आमतौर पर आदिवासी वर्ग के भूमि को लेने के पहले राज्यपाल से अनुमति लेना जरुरी होता है। 1919 में भी यह कानून शक्त था। आजादी के बाद सरकारी नुमायंदों ने यह तय कर दिया,कि 1अक्टूबर 1959 के बाद यदि कोई आदिवासियो की भूमि बिना अनुमति के बिना उनकी भूमि किसी भी शर्त में नहीं सकती। यदि किसी ने छल कपट पूर्वक आदिवासियों की भूमि सदोष किया है। उपबंधो के विरूध कृत्य होगी।जो भू संहिता की धारा 1959 के तहत धारा 170 के तहत भूमि वापसी का प्रावधान निहित है।  विडंबना है कि आज इन्ही आदिवासियो की भूमि में बड़े बड़े पहाडो मे बांध विजली परियोजना तथा आलिशान महल तैयार हो रहे हैं।सच मानें तो यह क्षेत्र अनु सूचित जनजातियों के लिए अधिसूचित है। जहाँ भारतीय संविधान की अनुछेद 244(1) के अंतर्गत भूमि की क्रय विक्रय उपबंधों के गैर तबको के लिये तहत निषेध है।सूत्रों की मानें तो यह छत्तीसगढ़ राज्य की पहली घटना है। जहां एक जिला स्तर के राजस्व  अधिकारी (अपर  कलेक्टर) जिसे जेल जाना पड़ा है।यह अधिकारी यह जानते हुए भी कि एक गैर वर्ग का विल्डर संजय अग्रवाल जिसे जिला मुख्यालय से सटे गॉव रामपुर निवासी शान्तिबाई  गोंड की पैतृक भूमि को प्रतिबंध के बाद भी क्रय करने की अनुमति दे दिया था। जो कोरिया जिला जेल में निरुद्ध है।इसी प्रकार उक्त विल्डर संजय अग्रवाल

सहित पांच अन्य लोगो द्वारा बैकुन्ठपुर प्रेमाबाग स्थित जिसमें से 25 डिसमिल भूमि को जो पटना निवासी विष्णु सिंह गोंड अपने पूर्वजो से भूमि रजिस्ट्री करके रखा था।जिसमें मकान बाड़ी घर बना कर रह रहा था। उक्त भूमि को जालसाजी करते हुए एक मुसलमान अब्दुल रहीम के नाम पर फौती करा लिया गया था। जिस जमीन का मुख्तारनामा संजय अग्रवाल के ड्रायव्हर राजेश सिंह के नाम पर करा दिया गया था।सूत्रो का कहना है कि जिसका सहयोगी एक भूमि दलाली  करने वाला  बीरेन्द्र बसोर चेर निवासी फर्जी दस्तावेज इक्कठा करता था। वहीं एक अमीन नाम का व्यक्ति मरे हुये लोगों  के नाम पर जालसाजी कर  मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाता था। और भूमि दस्तावेज जिसे अधिकारियो से मिलकर अनुमति लेकर आदिवासियो की भूमि को हड़प लेते थे। ऐसे ही घटना में पटना निवासी विष्णु सिंह पिता धनुकधारी गोंड की ओर से  भूमि को जालसाजी कर मकान को बुलडोजर से ढहा दिया था। सूत्रों का कहना है कि उक्त आरोपी संजय अग्रवाल सूरजपुर प्रतापपुर के लोगो को खड़ा करके मृत व्यक्ति के नाम पर भूमि रजिस्ट्री करता था और नामान्तरण भी करा लेता था।यहां तक वसीयत भी करवा लेता था। इस घटना पर प्रार्थी विष्णु सिंह द्वारा  विशेष अनुसूचित जनजाति थाना बैकुन्ठपुर में रिपोर्ट दर्ज करवाया था। जिस घटना को लेकर तीन साल बाद धोखाधडी के आरोपी संजय अग्रवाल के खिलाफ अपराध क्रमांक 131/2017 धारा 420 IPC के आलावा अनुसूचित जनजाति एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी संजय अग्रवाल पहले से ही बैकुन्ठपुर जिला जेल में निरुद्ध है। उसके सहयोगी अब्दुल रहीम,राजेश सिंह,बीरेन्द्र बसोर,चंद्रप्रकाश राजवाड़े सहित अमीन मो को आ जा क थाना के गिरफ्तार कर रिमांड पर रखकर जेल भेजने की जानकारी है।