बिहारपुर – GCG NEWS/28 नवंबर 2022,सूरजपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र गांव में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र तो खोले गए हैं। लेकिन इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए लोगों को निजी चिकित्सालय क्लीनिकों पर या जिला स्तर पर मध्यप्रदेश अस्पताल में जाना पड़ता है। उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कहने को तो यहां 24 घंटे एएनएम और इलाज की सुविधा मिलना है, लेकिन ताला नहीं खुलने से ग्रामीणों को ओडगी विकासखंड के उप स्वास्थ्य केंद्रों महुली में इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिहारपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत महुली,नवाटोला,पासल,खैरा, उमझर उप स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें 5 केंद्रों पर डाक्टर व एनएम तैनात कर दिए गए हैं। वहीं शेष केंद्रों पर नए आरएचवो की नियुक्तियां होना है। वहीं जिन केंद्रों पर डाक्टर व एनएम तैनात हो गए हैं। इन केंद्रों पर देखने में आ रहा है कि इन केंद्रों में अक्सर ताला लगा दिखाई देता है, या फिर स्टाफ जल्द उप स्वास्थ्य केंद्र को बंद कर निकल हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कर्मचारियों द्वारा अपडाउन करने से भी समस्या गहरा रही है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए या फिर जिला मुख्यालय या मध्यप्रदेश की शहरों में जाकर इलाज कराना पड़ रहा है।लोगों का कहना है कि उपस्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ एएनएम कार्यकर्ताओं व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण लोगों को समय पर इलाज नहीं मिलता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कराने में समस्या आती है। तो वहीं छोटी-मोटी बीमारियों को ग्रामीणों को दवा तक उपलब्ध नहीं हो पाती है। ऐसे ही हालात महुली,खैरा, उमझर, पासल,नावाटोला उपस्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है। इन गांवों के उप स्वास्थ्य केंद्रों पर आए दिन ताला लटका दिखाई देता है। क्षेत्र की करीब 30 हजार आबादी को यहां स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां ग्रामीणों ने बताया कि डाक्टर व एनएम अपने अनुसार आते हैं, कभी एक घंटे तो कभी दो घंटे रुकने के बाद चले जाते हैं। कभी-कभी तो स्वास्थ्य केंद्र खुलता ही नहीं है। बाकी दिनों में केंद्र पर ताला दिखाई देता है। अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी सिर्फ टीकाकरण करने के लिए उपस्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचते हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण तो हो जाते हैं लेकिन बाकी के दिनों में इलाज नहीं मिल पाता है। ग्रामीणों ने बताया इलाज कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिहारपुर मध्य प्रदेश के जिला हॉस्पिटल बैढ़न व अन्य क्लिनिक स्थानों पर जाना पड़ता है। जिसमें पैसा और समय दोनों खर्च होते हैं।