कोरबा छत्तीसगढ़ GCG NEWS, 21 जुलाई 2022, छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न हल्कों सहित कोरबा जिला में बसे आदिवासी समुदाय जिनके जाति से जुड़ी मात्रात्मक त्रुटी समुदाय के लिए गले की फांस बन गया है। दरअसल आजादी के बाद अंग्रेजी शब्दों से हुई हिन्दी रुपांतरित जाति शब्द में बिंदू से लेकर मात्रात्मक त्रुटी एक गंभीर मुद्दा है। जो आदि वासियों का नैसर्गिक अधि कार के लिए एक चुनौती से कम नहीं है। जैसे पाव, प्रचलित पोबिया पठारी, परगनिहा, अगरिया, लोहार जैसे शब्दों राजस्व विभाग के रिकार्डो में दर्ज हो जाने से इन वर्गो में व्यापक कठिनाई पैदा हो गया है। इन्हीं मुद्दों को लेकर कोरबा जिला मुख्यालय में आदिवासी समाज की ओर से ओम प्रकाश सिंह कुशरो के नेतृत्व में जिला के प्रशासनिक अधिकारियों एवं समाज प्रमुखों व जिला कलेक्टर संजीव झा के बीच परिचर्चा किया गया। बैठक में आये सभी समाज प्रमुखों ने अपनी अपनी ओर से लिखित रूप से ज्ञापन सौंपा, जिस दौरान अधिकारियों ने जाति प्रमाण पत्रों को लेकर एक समाज के मुखिया के उपस्थिति में बनाने का आश्वासन दिया।
उसके बाद समाज प्रमुखों ने जिला मुख्यालय स्थित पंचवटी विश्रामगृह में आदिवासी समाज प्रमुखो ने विविध विषयों पर चर्चा किया गया। जिस कार्यक्रम में समाज के प्रमुख ओम प्रकाश कुशरो,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय सहित धनुहार समाज के प्रमुख बीरसाय, खैरवार समाज के बलराम खैरवार, मंझवार समाज के महेतर राम,पहाड़ी कोरवा समाज के रामसिंह पहाड़ी,पाव समाज के बेन सिंह बिरहोर समाज के बरतराम,गोंड समाज के गणेश मरच्ची,के आर राज, भारिया समाज के वर्धन कुमार व विजय कुमार, एवं राठिया समाज के दुर्गा प्रसाद राठिया प्रमुख रुप से उपस्थित थे।