बेटा ने ईंट जोड़ने के बहाने बुलाया, माँ ने पेड़ पर चढ़ा दिया, गणेश गोंड की मौत, मृतक के बेटा ने निष्पक्ष जांच व कार्यवाही को लेकर कोरिया एसपी से लगाई गुहार। गोंडवाना ने दी आन्दोलन की चेतावनी ।

यह वही पेड़ हैं जो 11 हजार केव्ही 

विद्युत तार से सटा था। प्रत्यक्षदर्शी सरजू सिंह के मुताबिक, बेटा ने जमथान निवासी आदिवासी सदस्य मृतक गणेशसिंह गोंड मिस्त्री को मकान बनाने के लिए बुलाया, वहीं लाख मना करने पर, मृतक को उसके मां ने चढ़ा दिया, जोखिम से भरा पेड़ को काटने के लिए। अंत में रस्सी मांगने पर भी मां ने फिर थमा दी, 8mm लोहे की राड। घटना स्थल पर करेंट की झटके से गणेश सिंह  अद्ध घायल  के बाद भी चिकित्सालय न ले जाकर दोनो मां और बेटा एक मृतक को दुध पिलाती रही। वहीं बेटा मृतक का जब तक मौत नहीं हो गया, मृतक के शरीर में तेल मालिस करता रहा। अगर समय पर चिकित्सा सेवा दिया गया होता तो जान बच सकता था।

अंगदसिंह टेकाम ब्यूरो चीफ द्वारा

भरतपुर कोरिया/ 15जनवरी 2022, यह तो सच और सवाल उठाना लाजिमी है, कि सर्वाधिक जनजाति बाहुल्य अंचल कोरिया जिले के उतर पश्चिम इलाका जहां इन्हीं वर्गों को न्याय मिलना कमोवेश दूधारी तलवार जैसा हो गया है। वहीं राजनीति की कूतंत्र में पल रहे कुछ प्रभावशाली तत्वों जिनके सामने आदिवासी जीवन का कोई मायने नहीं। ऐसे ही दिल को दहला देने वाली एक घटना जिले के जनपद पंचायत मुख्यालय भरतपुर के जनकपुर में बीते 27 दिसंबर को तड़के दिन 11 बजे घटित हुआ। अलबत्ता दामाद के सामने ससुर की मौत बिजली करेंट से हुई थी, जिसे लेकर सूचनाकर्ता दामाद सरजू सिंह के मुताबिक तथा पुलिस मर्ग की मानें, तो अपने ससुर मृतक गणेश सिंह पिता मयकू गोंड उम्र 45 साल जनकपुर पुलिस में जानकारी चाक कराने की पूछे जाने पर दामाद सरजू अपने इस कथन पर इंकार करते हुये कहता है कि मर्ग मेरे कहने पर नहीं, बल्कि मृतक को जिस मां बेटा ने पेड़ में चढ़ाया था। उसके कथन के मुताबिक लिखा गया। मर्ग क्रमांक 80/21 के जुर्म सदर कायम कर जांच पंचनामा में यह भी साफ है कि मृतक को करेंट के झटके से घटना स्थल पर मौत हो चुका था। वहीं चिकित्सा सेवा न बुलाकर मां मृतक को अपने हाथो से ढूध पिला रही थी। और बेटा तेल मालिस कर रहा था। मौत हो जाने पर चिकित्सालय पहुंचा दिए। उसी दिन रात में चिता जलाने का कोशिस किया गया। चूंकि रात को चिता न जलाने की बात पर अल सुबह शव को खाक कर दिया गया। मामला तहसील भरतपुर का ग्राम पंचायत जमथान का है, जहां पर एक अत्यंत गरीब  आदिवासी श्रमिक स्व गणेश गोंड के परिवार का है। जैसा कि मानें, तो जनकपुर के एक दबंग परिवार जिनका नाता तो स्थानीय प्रभावशील नेताओं के साथ है। लोगों का मानना है कि, ये चाहेें तो, कानून की धार को भी मोड़ सकते हैं । लिहाजतन अब तक कानून पर धूल झोकने वाले असली अपराध के हकदार जिनके खिलाफ पुलिस भी कानूनी पेंच नहीं फंसा सकी । वहीं एक गरीब आदिवासी श्रमिक जिसका मौत की सदमा से आज मृतक के सारेे परिवार बेहद दुखी है। इस घटना की जानकारी लेने जमथान पहुंची गोंडवाना छत्तीसगढ़ न्यूज की टीम जिनके सामने मृतक गणेश गोंड के पीड़ित पत्नी और घर परिवार के लोगों ने बताया, कि मृतक के वृद्ध पिता मयकू गोंड अपने बेटा गणेश सिंह का याद कर रोते रहता है। वहीं उनके परिजनों का कहना था कि पहले की भांति बेटा काम करके लौटता था, तो मोटरसाइकिल की गूंज पिता के कानों में सुनाई देता था। वही आवाज आज कोई आता है तो बेटा आया कहता है। वृध्द पिता का हृदय का टुकड़ा बेटा का आने का एहसास होता है। वहीं  अधेड़ असहाय पत्नी भी जिनका अपना एक घर का सहारा छीन जाने का आंसू बहाते हुए कह रही थी कि मेरे पति को ईंट जोड़ने के लिए ले गए थे। पेड़ काटने के लिए नहीं। वहीं जिसने मेरे पति को पेड़ कटवाया। वही व्यक्ति घर आकर धौस के साथ कह कर चला गया, कि पैसा ले लो मामला खत्म करो और चलता बना। जिसके ऊपर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। वहीं दूसरी ओर काम के बहाने पेड़ पर चढाने के दोनो दोषी मां बेटा पर शीघ्र जांच व कार्यवाही को लेकर बेटा शंकर सिंह ने जिला पुलिस अधीक्षक को गुहार लगाया है। इस घटना की जानकारी मिलने पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय ने गहरा संवेदना जताया है। और कहा है कि कानून से कोई बड़ा नहीं होता। इस संवेदनशील घटना पर पीड़ित पक्ष को न्याय दिलवाने के लिए हमारी पार्टी लोकहित में जनांदोलन कर शीघ्र उचित कदम उठायेगी।

 

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