15 सितंबर को मनेंद्रगढ़ क्षेत्रों में विना ग्रामसभा प्रस्ताव के गौठान निर्माण को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी स्थानीय प्रशासन का करेगी घेराव।

( आदित्य उदय संवाददाता द्वारा)

मनेंद्रगढ़ कोरिया छत्तीसगढ़/GCG NEWS/ 10 सितंबर 2021, जैसा कि भारत का संविधान की पांचवी अनुसूची की अनुच्छेद 244(1) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य का यह जिला कोरिया जहां अनु सूचित क्षेत्र के अनुकूल यहाँ कानून व्यवस्था संचालित होना था, जिसका दिशा मोड़ दिया गया है। जानकारी की मानें तो  संविधान की ( 7 वां संशोधन) अधिनियम 1956 की धारा 29 के तहत अनुसूचित क्षेत्रो को लागू विधि जहां संसद का, या उस राज्य के विधान मंडल का कोई भी विशिष्ट अधिनियम उस राज्य के अनुसूचित क्षेत्र या उसके किसी भाग को लागू नही होता है। ऐसे हल्को में लोक अधिसूचना के तहत ग्रामसभा सर्वोच्च विधान है। उक्त जानकारी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ एल एस उदय ने एक अनौपचारिक चर्चा के दौरान प्रेस को देते हुए कहा है, कि देश में संविधान द्वारा प्रदत अधिकार सर्वोपरि विधान है। जिसका पालन करना सरकार का नैतिक दायित्व है । पार्टी महामंत्री ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है, कि आज सरकार आदिवासियों की हर अधिकार की बातों को पेंचदार बना लेती है। तकलीफ देह सवाल यह है, कि आजादी के 7 दशकों  के बाद भी केंद्र व सतारुढ रहे, राज्य सरकारो ने आदिवासियों के हितो व उनके संवर्धन के लिये बनी हर संवैधानिक अधिकारों की दिशा पलट दी है। लिहाजा ऐसे अनुसूचित क्षेत्रो में ऐसे वर्गों की बहाली थोप दी, जो आदिवासियों की भावनाओं के खिलाफ कदम उठाते रहे हैं। जिससे पांचवी अनुसूचित क्षेत्रो में धारा 244(1)के तहत प्रदत अधिकार धाराशाही हो गया है। तथा अनुसूचित क्षेत्रो में जनजातियों की प्रशासन और नियंत्रण इनके हाथों से छीनने जैसे हो गया है। वहीं उन्होनें कहा है, कि अनुसूचित क्षेत्रो में प्रोविजन आफ दी पंचायत एक्ट 1996 पेेशा कानून भी लड़खड़ा गई है। गौरतलब छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित जिला कोरिया के नव निर्मित जिला मंनेद्रगढ  जहां एक ओर आदिवासियों के पीढ़ी से काबिज व पट्टे के भूमि पर सरकार की नरवा गरवा घूरुवा जैसे योजनाएं जो बिना ग्रामसभा के गौठान बनाया जा रहा है। ऐसे मनमानी कार्यों के खिलाफ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी लामबंध होकर  मंनेद्रगढ़ मुख्यालय में कोविड 19 का पालन करते हुए 15 सितंबर 2021 को जनहित में जनांदोलन करने का चेतावनी देते हुये कहा है,कि लिहाजा यहाँ पर सदियों पूर्व से निवास रहे अनुसूचित जन जातियो जिनका जल जंगल और जमीन तथा खनिज संपदा भी माटी की मोल औद्योगीकरण का शिकार हो गया है। उन्होनें कहा कि इस वैश्वीकरण के इस दौर में आज इनके पैरों तले खनिज संपदा ही इनके दुश्मन बन गया है। पार्टी महामंत्री डॉ एल एस उदय ने कहा है, कि सरकार आदिवासियों की अज्ञानता के कारण आजादी के बाद से जो नाच नचा रही थी। अब इनके अधिकारों को पाने के लिए ऐसा कोई नाच न नचाये, जिससे आदिवासी समाज उद्देवेलित हो। उन्होंने कहा अब आदिवासी समाज अपने अधिकारो समझने लगी है। साथ ही उन्होँने अपने पार्टी के  सभी कार्यकर्ताओं से कहा है कि आयोजित इस इस आंदोलन में अधिक से अधिक संख्या आयें।और अपने अधिकार की लड़ाई को लड़ें।