कोरिया (GCG NEWS) 19नवम्बर 2020 छत्तीसगढ़ राज्य के उतरी हल्कों के सरहदी जिला कोरिया जो जन जाति बाहुल्य इलाका है। सच मानें तो अनुसूचित इलाका है। जहां भोलेभाले निरक्षर जनजाति लोगों की सबसे ज्यादा आबादी है। आजादी के पहले जहां अधिकतर लोग विभिन्न अन्य राज्यों से समीपवर्ती एस ई सी एल हसदेव चिरमिरी कोल उत्खनन क्षेत्रों में नौकरी के नाम पर आये थे। लिहाजतन अपने गॉव vव प्रदेश को नहीं लौटे। तथा स्थानीय शिक्षा के क्षेत्र काफी आगे आ गये। और जिनका दबदबा क्षेत्र में तेजी से बढ़ गया। और प्रशासनिक सेवा से लेकर लोकसेवा के अधिकांश संस्था व सार्वजनिक जगहों में हिस्सेदारी हो गई।अमूमन इन क्षेत्रों में पूर्व की भांति ऐसे ही तबकों की हकूमत चलता है। चाहे कोई भी विभाग हो, स्थानीय लोग डरे सहमे दिखते हैं। वहीं व्यवस्था के क्षेत्र में अधिकांश तौर पर जानकार लोग आर टी आई के तहत काले राज का चिट्ठा मांगते हैं।नतीजतन अंगद का पैर जमाये लोक सेवको को ऐसी जानकारी मांगना रास नही आता। यकीनन तौर यहां की डॉक व्यवस्था भी इन्ही से घुल मिल गया है। देखना तो यह है कि कोरिया जिले के जनपद पंचायत मुख्यालय खड़गवां से 10 अक्टूबर को भेजी गई एक रजिस्टर्ड डॉक महज 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित ग्राम पंचायत जीलिबांध तक पहुंचने के लिए 19 नवंबर करीब महीने भर लगा दिया। उसी प्रकार आर टी आई की एक और रजिस्टर्ड डॉक जो 10 अक्टूबर को भेजी गई अनुविभागीय कार्यालय राजस्व चिरमिरी की रजिस्टर्ड डाक 19 नवंबर को एक साथ मिला है। कुल मिलाकर इन दिनों डॉक की यह लचर व्यवस्था से आमजन को वेहद आक्रोश है। समय पर डॉक न मिलने पर अपील में जाने का मौका भी चूक जाता है। जो व्यक्ति की मौलिक अधिकार का हनन से कम नहीं है।