मनेंद्रगढ़ एमसीबी जिला के भरतपुर क्षेत्र में हुई नाबालिक आदिवासी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जन सैलाब उमड़ा, जिसमें आरोपियों के घरों को बुलडोजर चलाओ, तथा सभी बलात्कारियों को फांसी दो की नारा गूंजा। मामले को लेकर पार्टी पदाधिकारियों ने सौंपा ज्ञापन।
मनेंद्रगढ़ एमसीबी जिला के भरतपुर क्षेत्र में हुई नाबालिक आदिवासी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जन सैलाब उमड़ा, जिसमें आरोपियों के घरों को बुलडोजर चलाओ, तथा सभी बलात्कारियों को फांसी दो की नारा गूंजा। मामले को लेकर पार्टी पदाधिकारियों ने सौंपा ज्ञापन।
मनेंद्रगढ़ (एमसीबी) छत्तीसगढ़,5दिसंबर 2024, गोंडवाना उदय न्यूज, हकीकत में कहा जाए,तो यह क्षेत्र वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य का चांग भखार एक अहम हिस्सा है। जब हम इतिहास की पन्ना पलटें तो यह क्षेत्र सन 1905 में बंगाल के छोटा नागपुर क्षेत्र में आता था। कहा तो यह भी गया है कि सन 1700 वर्ष पहले गोंड राजवंशों का छोटे छोटे राज्य था। जो सुरगुजा राज्य के अंतर्गत जिस जमाने में चांग भखार, कोरिया, उदयपुर, जशपुर जहां सबसे ज्यादा गोंडो की निवास स्थान था। जिस दौरान लगातार दिल्ली पटना मुंगेर मुर्शिदाबाद से मुगलों का हमला होता रहा। जिस कालखंड में 1758 में मराठों ने सरगुजा के गोंड शासकों को करद बनाया था, और सन 1818 में भोसले राजाओं ने अंग्रेजों को दे दिया। 1801 में अंग्रेजों ने अपने कोळबुक में गोंड राजाओ का प्रशंसा करते हुये लिखा है कि संसार में आज तक ऐसा कोई राजा नहीं हुए जो गोंड राजवंश के शासन में था।
जाहिर तौर पर जब हम वर्तमान में इन वर्गों के हालात पर उतरें, तो गरीबी और भुखमरी, अशिक्षा लिहाजा इनकी सीधी सादी जिंदगी जो आज पराकाष्ठा से कम नहीं है। ऐसे जनजाति हलकों में चरमराती शिक्षा व्यवस्था, कुछ गैर वर्गो द्वारा भेदभाव की असमानता भी इन वर्गों को दो राहों में खड़ा कर दिया है। जिससे इनकी सांस्कृतिक पहचान,भाषा संस्कृति उथले काई जैसे हो गया है। वहींयहां के भोले भाले आदिवासी गांव की जनता जिनके बच्चे बच्चियों के साथ गैर वर्गो बढ़ती दुर्व्यवहार कम नहीं हो रहा है।
वैसे तो आदिवासियों की हितों की संरक्षण के लिए विशेषाधिकार के दायरे में संविधान की पांचवीं अनुसूची की अनुच्छेद 244(1) के तहत प्रशासन एवं नियंत्रण अनुसूचित जनजाति वर्गों के हाथों होनी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है कि इनके लिए बनी स्वायतता तो दूर,आजादी के साढ़े सात दशक के बाद भी इन आदिवासी समुदाय के बच्चे बच्चियों को सुरक्षा की आजादी तक नहीं मिली, बहरहाल सवाल उठना लाजिमी है।
जैसा कि बीते दिनों कोरिया जिले के अविभाजित जिला मनेंद्रगढ़ एम सी बी जिला मुख्यालय से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित भरतपुर तहसील जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। जहां एक गरीब नाबालिक आदिवासी छात्रा जो किराए में रहकर पढ़ाई करती थी, जिसके असहाय होने का बेजा इस्तेमाल गैर वर्ग के प्रभावशाली आरोपी शिक्षक अशोक कुशवाहा, रावेंद्र कुशवाहा, कुशल परिहार सहित एक वनकर्मी बनवारी ने अपने आवास में संरक्षण देकर उक्त नाबालिक आदिवासी छात्रा के साथ वन कर्मी ने शिक्षकों को शराब परोस कर नाबालिक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने में सहयोग किया। उपरोक्त घटना से आदिवासी समुदाय में व्यापक रोष देखा गया। और आज तहसील मुख्यालय भरतपुर में हजारों की संख्या में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बैनर तले लोगों ने बलात्कारी अशोक कुशवाहा प्राचार्य एवं शिक्षक रावेंद कुशवाहा तथा कुशल परिहार सहित वन कर्मी को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सजाए ए मौत की सजा फांसी दो की मांग कर नारेबाजी कर रहे थे। साथ ही साथ उनके अवैध निर्मित घरों को बुलडोजर चला कर जमींदोज करो की नारा भी गूंजने लगा। गुस्सा इतना था की आरोपियों के पूरी संपति को राजसात करने की बौखलाहट भी लोगों में देखा गया।
इस कार्यक्रम में मुख्यरूप से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह कमरों, जिला पंचायत सदस्य के वर्तमान संभावित प्रत्याशी रामदेव परस्ते, सुखलाल सिंह, जनपद पंचायत सदस्य मराबी, घोड़धरा,अमरसिंह परस्ते सहित हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।